विवाहित महिला का यौवन ki kahani - Adult Story in hindi font

मुझे शुरू से ही शादीशुदा औरतो में दिलचस्पी ज़्यादा है। उसका कारण ये
है कि शादीशुदा औरतों का यौवन और उनके चेहरे पर शादी के बाद जो चमक नहोती है
उसे देखकर मेरे शरीर में एक बिजली सी दौड़ जाती है तब मुझसे अपने लिंग पर
काबू ही नहीं किया जाता और मुझे हस्तमैथुन करके इसे शांत करना पड़ता है।
हालाँकि कॉलेज में टॉपर होने की वजह से कई लड़कियाँ मुझसे बड़ी इंप्रेस्ड हैं
पर उनके यौवन में मुझे वो बात नज़र नहीं आती जो एक विवाहित महिला के यौवन में
होती है। शादी के बाद नया नया संभोग के बाद उनके शरीर में एक अलग ही बदलाव आ
जाता है। उनके नितंबो में जो कसाव और शरीर में जो भराव आता है उसकी बात कुछ
अलग ही होती है अभी कुछ ही समय की बात है उस समय मेरे घर में नये किरायेदार
आए। उनकी शादी को अभी दो ही साल हुए थे और वो पति पत्नी दोनो वर्किंग थे।
राजेश एक मल्टिनॅशनल कंपनी में जॉब करते थे और रीता मेरे ही कॉलेज में
प्रोफेसर थी। दोनो कुछ ही समय पहले दिल्ली में आए थे इसलिए उन्हें नये घर की
तलाश थी। चूँकि क्लास में हमेशा टॉप करता था तो अक्सर मेरी रीता से
सब्जेक्ट्स को लेकर बात होती थी।
एक दिन उन्होने मुझसे किराए का घर ढूँदने के
बारे में पूछा तो मैंने उन्हें अपने घर को किराए पर लेने के लिए कहा, उन्हें
घर पसंद आ गया, और वो कॉलेज के पास भी था इसलिए उन्होंने घर किराए पर ले
लिया। मैंने उनसे घर पर पढ़ना शुरू किया और जब उनको करीब बैठ कर देखा तो मैं
पागल हो गया। रीता के शरीर में जो बात थी क्या कहने, एक दम गोरा रंग, बिल्कुल
स्लिम बॉडी और खड़ी हुई चुचियाँ, कद करीब पाँच फुट सात इंच और खूबसूरती इतनी
कि किसी का भी जी ललचा जाए। मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ। अब पढ़ाई में तो दिमाग़
ही नहीं लगता था।
मैंने अक्सर उनके करीब जाने के मौके तलाशने शुरू कर दिए। एक बार उनके पति
किसी काम से कुछ से कुछ दिनों के लिए बाहर गये तब मैंने रीता के करीब जाने के
और मौके तलाशने शुरू कर दिए। उनके बेडरूम की एक खिड़की उस रात को खुली थी।
मैंने करीब आधी रात के समय उसमें झाँक कर देखना शुरू किया क्योंकि तब तक मेरे
सब घर वाले सो चुके थे। रीता के कमरे में जो नज़ारा था उसे देखकर मैं पागल हो
गया। रीता अपने बेड पर नग्न अवस्था में लेती हुई थी और अपनी योनि को मसल कर
कर सिसकियाँ ले रही थी। मानो ऐसा लग रहा था कि कितने दिनों संभोग न किया हो।
मेरे हाथ मेरे लिंग का कड़ापन महसूस कर रहे थे और मैंने तभी वहीं हस्तमैथुन
किया। रात भर मुझे नींद नहीं आई। अगले दिन कॉलेज से जब मैं वापिस आया तो देखा
मेरे सब घर वाले कहीं बाहर गये हुए थे मैंने घर की चाबी के लिये रीता से पूछा
तो रीता अपने कमरे से बाहर आई और मुझे बोली कि चाबी तो नहीं है पर तब तक के
लिए तुम मेरे कमरे मे बैठ जाओ। उस समय उन्होंने भी कॉलेज से आकर चेंज ही किया
था तो उन्होंने शॉर्ट नाइटी डाली हुई थी। वो मेरे सामने ही सोफे पर बैठ गयी
और मुझसे बातें करनी लगी। बातें करते हुए मुझे ध्यान आया कि जिस तरह टांगे
खोल कर वो बैठी थी उनकी जांघें दिखाई दे रही थी। और ध्यान देने पर मैंने पाया
कि उन्होंने अंदर कुछ नहीं डाला हुआ था। मेरे लिंग पर मेरा काबू न रहा और वो
टन कर खड़ा हो गया। तभी उन्होंने मुझसे कहा कि रात को चोरों की खिड़की में
देखना ठीक नहीं। मैं घबरा गया कि इन्हें कैसे पता चला कल रात के बारे में।
रीता - ये ठीक नहीं है कोई और रात को तुम्हें हस्तमैथुन करते हुए देख लेता
तो, मैं जो भी कर रही थी अपने कमरे में कर रही थी, आगे से ध्यान रखना।
मैने थोड़ा झुक कर उनकी टांगों के बीच में देखना शुरू कर दिया।
रीता - ये क्या कर रहे हो। कहाँ देख रहे हो?
मैंने कहा अब तो मैं कमरे के अंदर हूँ।
रीता - बड़े समझदार बनते हो। वो मेरे मंसूबे जान गयी थी।
मैंने हिम्मत कर के उनकी टाँगो पर हाथ रख दिया।
रीता - बस टाँगो से ही प्यार है या आगे भी बढ़ना है।
वो बोली - अक्सर राजेश तो बाहर रहते हैं और मुझे अकेले रहना पड़ता है। उन्हें
मेरे यौवन की प्यास की कोई कदर नहीं है। इसलिए मुझे अकेलेपन में यूं सिसकना
पड़ता है। पर तुम्हें कल रात देख कर मुझे भी कुछ हो गया। कितना बड़ा लिंग है
तुम्हारा। लगता है बड़ी ब्लू फ़िल्में देखते हो और हस्तमैथुन कर कर के ऐसा
लंबा कर लिया है। मैं इसका स्वाद चखना चाहती हूं अब तो मेरे दिल की बात
उन्होंने कह दी। मैंने अपने दोनो हाथों से उनकी जाँघो को सहलाना शुरू कर
दिया। साथ ही उनके होंठो की ओर अपने होंठ बढ़ा दिए, हम एक दूसरे को काफ़ी देर
तक किस करते रहे और फिर मैं उनके साथ उनके बेडरूम में चला गया।
रीता - मेरा यौवन देखना चाहोगे और ये कहते ही उन्होंने अपनी नाइटी उतार दी।
सच में शादीशुदा औरत के नग्न जिस्म को मैं पहली बार देख रहा था और बेकाबू
होकर मैंने उनके बूब्स चूसने शुरू कर दिए। और वो और कसते चले हो गये और पूरी
तरह खड़े हो गये।
रीता - पहले कभी संभोग किया है।
मैंने कहा - नहीं।
तो फिर तो तुम अभी कच्चे हो,,, ये कहते हुए उन्होंने मेरी पैंट उतार दी मैंने
अंडरवेर नहीं पहना था और मेरा एक बार स्खलित भी हो गया था। गीली पैंट देख कर
रीता बोली। रीता - बस इतने में ही झड़ गया। तो तुम क्या करोगे।
मैंने कहा - पहली बार किसी शादीशुदा को नग्न देखकर ये झड़ गया। अभी दस बार और
झड़ सकता है।
तब मैंने कहा - मुझे आपकी योनि देखनी है। वो बेड पर लेट गयी और अपनी टांगे
खोल दी। मैंने पहली बार किसी चूत को देखा था मैंने सीधा उसे चाटना शुरू कर
दिया ।
रीता - अरे बड़े बेकाबू हो। चलो कोई बात नहीं। पहली बार तो ऐसा ही होता है।
मैंने अपनी जीभ उनकी योनि में फिरानी शुरू कर दी। वो सिसकने लगी।
मैंने जीभ को और अंदर डालना शुरू कर दिया।
रीता - अरे ऐसे चूसोगे तो मैं झड़ जाउंगी। मैंने स्पीड थोड़ी कम कर दी और
उनके ऊपर आकर उनके बूब्स दबाने शुरू कर दिए।
रीता - मुझे तुम्हारे लिंग का टेस्ट करना है। मैंने कहा तो आ जाओ सिक्स नाइन
की पोज़िशन में
रीता - वो क्या है।
मैंने कहा - ब्लू फिल्म्स नहीं देखी क्या कभी।
रीता - वो तो तुम किड्स देखते हो। हम तो वो सब असली में करते हैं।
और मैंने उनको सिक्स नाइन की पोज़िशन में लाकर अपना लिंग उनके मुँह में डाल
दिया और उनकी योनि चाटने लगा।
हम दोनो ने अपनी स्पीड बढ़ा दी और मैंने देखा कि उनकी टाँगे कसती जा रही हैं
और एक दम उनकी योनि ने इतनी ज़ोर
से मेरे मुँह पर अपना पानी झाड़ दिया कि मेरा पूरा मुँह गीला हो गया। मैंने
ऐसा पहले कभी ब्लू फिल्म्स में भी नहीं देखा था।
रीता - देखा लड़के इतना तुम्हारा दस बार में भी नहीं झड़ सकता जितना हम एक
बार में निकाल देते हैं।
मैं बोला - इसके स्वाद में तो मज़ा आ गया और कहा कि मेरा वीर्य भी तो चख कर
देखो लो
उन्होंने कहा - तो आ जाओ - पहले उन्होंने मेरा लिंग अपने बूब्स में दबा कर
ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया, मुझे मज़ा आने लगा। मेरा लिंग और कड़ा हो गया।
तब उन्होने मेरे सुपाड़े को अपने मुँह में ले लिया। धीरे धीरे वो उसे पूरा
निगलने लगी।
मेरी उत्तेजना चरम पर जाने लगी और बंदूक की तरह मैंने उनके मुँह के अंदर
वीर्य की धार मार दी।
रीता - ये तो अमृत से भी ज़्यादा स्वाद है। मज़ा आ गया। पर अब मेरी प्यास कौन
शांत करेगा। तुम तो दो बार झड़ चुके हो।
अब तो तुम्हारा खड़ा नहीं रहेगा ज़्यादा देर।
मैंने कहा - मैं तो अभी पहले की तरह ही हूं और कई बार और मूठ की धार छोड़
सकता हूं। पर आपका नहीं पता, इतना ज़्यादा झाड़ा है आपने, अब भी है उत्तेजना
आपमें बाकी?
रीता - औरत की प्यास को मर्द कभी समझे ही नहीं। मेरा शरीर जल्दी हुई मशाल की
तरह है। तुम जैसे लड़को के तो कई लंड ‍जला सकता है।
मैंने कहा - ऐसी बात तो आ जाओ एक बार और मेरे लंड की गिरफ़्त में।
रीता - काफ़ी जल्दी काफ़ी कुछ सीख रहे हो
मैंने कहा - आपका स्टूडेंट हूं ना
रीता - आओ कितने दिनों से ये सील टूटी नहीं है आओ इसे तार - तार कर दो।
मैने अपना सूपाड़ा उनकी चूत पर रख दिया और धीरे धीरे उस पर फेरने लगा।
रीता - तुम तो मुझे जला दोगे। प्लीज़ अब अंदर डाल दो।
मैंने ज़ोर लगाना शुरू किया पर मेरा इतना मोटा और कड़ा था कि अंदर नहीं जा
रहा था आसानी से। मैंने ज़ोर लगाया तो उनकी चीख निकल गयी। पर लंड अंदर नहीं
गया और चूत से खून निकालने लगा।
रीता - सही में तुम तो मर्द से कुछ ज़्यादा ही हो। खून निकाल दिया मेरी चूत
से पर अंदर नहीं गया। थोड़ी सा झाग लगा कर साबुन का फिर कोशिश करो।
मैं बाथरूम से साबुन का झाग ले कर आया और उसे लॅंड पर मसल लिया। अब मैंने
ज़ोर लगाना शुरू किया। रीता दर्द से चिल्लाने लगी और मैंने फिर पूरी ताक़त
लगा कर एक ज़ोर का झटका दिया और मेरा लंड चूत से खून के छींटे मेरे मुँह पर
मारते हुए अंदर चला गया। रीता की साँस गले में ही अटक गयी।
रीता - बड़ा दर्द हो रहा है पर ऐसा मज़ा भी कभी नहीं आया। अब तो मेरी चूत को
जला दो एक दम।
मैंने झटके बढ़ने शुरू कर दिए। उनके मुँह से उउऊहह आअहह आआआअहह की आवाज़ें
तेज आ गयी।
रीता - और ज़ोर से, और ज़ोर से, फाड़ दो मुझे और मेरी चूत को
मैने झटके बढ़ाने शुरू कर दिए और उनकी चूची चूसनी शुरु कर दी।
उनकी उत्तेजना और बढ़ने लगी और तब मैंने ध्यान दिया उनके बूब्स और कड़े हो
गये तब मुझे लगने लगा कि अब ये झड़ने वाली है मैने झटके तेज कर दिए और तभी
मेरा झड़ गया पर मैंने झटके देने चालू रखे और वो इतनी गरम हो गयी कि उनका भी
झड़ गया मैंने उनके पानी को अपने मुँह पर मसल लिया और हम दोनो ठंडे पड़ गये।
मैं उनके साथ ही उनके बिस्तर पर लेटा रहा कुछ देर तक उनके साथ चिपक कर। अभी
भी हम दोनो अपने जिस्म की सिरहन महसूस कर रहे थे।
रीता - तुम्हारा वीर्य तो मेरी चूत मे अंदर चला गया, अगर मैं प्रेग्नेंट हो
गयी तो, मैंने कहा चिंता मत करो बाज़ार में कई गोलियाँ आती है जो ऐसा होने पर
भी प्रेग्नेन्सी रोक देती है।
वो ले लेना और मैं फिर अपने कपड़े पहन कर बाज़ार चला गया गोलियाँ लाने। अब ये
सिलसिला कई दिनों तक चला। फिर उनके पति का ट्रान्स्फर हो गया और मैं अकेला हो
गया।